अच्छी खबर :- छोटे शहरों की उड़ान और सस्ती होगी, 80 सीटों वाले विमानों से अब कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा
मोदी सरकार छोटे शहरों की उड़ान को और सस्ती करने की तैयारी कर रही है । सरकार इसके लिए देश के 15 डिफेंस एयरपोर्ट पर लैंडिंग चार्ज खत्म करने की तैयारी कर रही है, ताकि यहां हवाई कंपनियों के छोटे विमानों की कम लागत में उड़ान संभव हो सके। अधिकारियों के अनुसार 80 सीटों की क्षमता वाले विमानों के लिए लैंडिंग शुल्क पूरी तरह खत्म किया जा सकता है। यह शुल्क एयरलाइन द्वारा प्रत्येक लैंडिंग के दौरान हवाई जहाज के भार के हिसाब से अदा किया जाता है। लागत में कमी के बाद विमानन कंपनियां किराये में कमी भी कर सकती हैं। अभी लैंडिंग चार्ज के तौर पर सात से 35 हजार रुपये तक वसूले जाते हैं।
रक्षा मंत्रालय ने भी लैंडिंग शुल्क खत्म करने के प्रस्ताव को लेकर सकारात्मक रुख दिखाया है। लेकिन अभी कोई आधिकारिक फैसला नहीं हुआ है। फिलहाल स्पाइसजेट क्यू400 और इंडिगो एटीआर एयरक्राफ्ट विमानों का इस्तेमाल करती है, जिनमें 80 से कम सीटें हैं।
उड़ान योजना की शुरुआत 13 अप्रैल 2017 से शुरू हुई थी, जिसके तहत 500 किलोमीटर तक की दूरी वाले शहरों को हवाई मार्ग से जोड़ा जा रहा है। उड़ान के तहत हवाई किराया 2500 रुपये से कम रखा जाता है और इससे ज्यादा लागत का वहन केंद्र सरकार करती है। 35 शहरों को अब तक योजना के दायरे में लाया जा चुका है।
उड़ान योजना के संभावित लक्ष्य
- 35 से ज्यादा शहरों को उड़ान योजना से जोड़ा गया।
- 100 से ज्यादा क्षेत्रीय एयरपोर्ट को इससे जोड़ा जाएगा
- 56 एयरपोर्ट और 31 हेलीपैड अब तक इससे जोड़े गए
- 100 से ज्यादा छोटे विमान उड़ान भर रहे योजना के तहत