सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश , बाबरी मस्जिद केस फैसला सुनाने तक जज रिटायर नहीं होंगे
बाबरी मस्जिद केस भारतीय इतिहास के सबसे चर्चित केस में से एक है और पिछले करीब 25 सालों से इसकी सुनवाई चल रही है आप की जानकारी के लिए बता दे कि 6 दिसंबर, 1992 में अयोध्या स्थित बाबरी मस्जिद के ढांचे को ढहा दिया गया था. इसके आरोप में बीजेपी के नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत 13 नेताओं के खिलाफ पूरक चार्जशीट दाखिल की थी. इस मामले में जो चार्जशीट दाखिल की गई है, उसमें लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती के अलावा कल्याण सिंह (अब राजस्थान के राज्यपाल), अशोक सिंघल, मुरली मनोहर जोशी, विनय कटियार और साध्वी ऋतंभरा जैसे बड़े नाम शामिल हैं. उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए, 153बी, 505, 147 और 149 के तहत मुकदमे दायर थे.
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सेक्शन 142 के तहत शुक्रवार को बड़ा फैसला लिया है. इस मामले की सुनवाई कर रहे स्पेशल जज एसपी यादव के कार्यकाल को तब तक बढ़ा दिया गया है जबतक इस मामले का ट्रायल पूरा नहीं हो जाता है. अदालत का कहना है कि जब तक मामले में फैसला नहीं आ जाता है तब तक जज रिटायर नहीं होंगे. दरअसल, मामले की सुनवाई कर रहे स्पेशल जज एसपी यादव का कार्यकाल 30 सितंबर, 2019 को खत्म हो रहा था जिसके बाद अदालत ने ये फैसला लिया है.
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में 9 महीने के अंदर ट्रायल पूरा होना है, ऐसे में माना जा सकता है कि इस मामले में एसपी यादव ही तबतक जज रहेंगे. हालांकि, इस दौरान वह सिर्फ इसी केस पर काम करेंगे और कोई मामला नहीं सुन पाएंगे.