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क्या आप जानते हैं कि कुचीपुड़ी नृत्य कहाँ आरम्भ हुआ था ?

आंध्र प्रदेश में

Spectacle de danse Kuchipudi, organisé par les amis du musée Guimet en coproduction avec Triveni, présenté le samedi 19 avril 2008, dans l’auditorium du musée Guimet à Paris par : “Deepika Reddy et ses musiciens”
Deepika Reddy et ses danseuses appartenant à Deepanjali, l’institution qu’elle a fondée en Inde et qui est dédiée à l’excellence de la pratique du Kuchipudi.

कूचिपूड़ी आंध्र प्रदेश, भारत की प्रसिद्ध नृत्य शैली है। यह पूरे दक्षिण भारत में मशहूर है। इस नृत्य का नाम कृष्णा जिले के दिवि तालुक में स्थित कुचिपुड़ी गाँव के ऊपर पड़ा, जहाँ के रहने वाले ब्राह्मण इस पारंपरिक नृत्य का अभ्यास करते थे। परम्‍परा के अनुसार कुचिपुडी़ नृत्‍य मूलत: केवल पुरुषों द्वारा किया जाता था और वह भी केवल ब्राह्मण समुदाय के पुरुषों द्वारा। ये ब्राह्मण परिवार कुचिपुडी़ के भागवतथालू कहलाते थे। कुचिपुडी़ के भागवतथालू ब्राह्मणों का पहला समूह 1502 ईसवी के आसपास निर्मित किया गया था। उनके कार्यक्रम देवताओं को समर्पित किए जाते थे। प्रचलित कथाओं के अनुसार कुचिपुड़ी नृत्य को पुनर्परिभाषित करने का कार्य सिद्धेन्द्र योगी नामक एक कृष्ण-भक्त संत ने किया था।