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क्या आप जानते हैं कि स्मॉग और फॉग में क्या अंतर होता है ?

आज कल पूरे देश में प्रदूषण के कारण स्मॉग  की बहुत चर्चा है और सभी इससे बचाव के बारे में चर्चा करते रहते हैं |आइये आज आपको स्मॉग और फॉग में जो फर्क होता है उसे आपको बताते हैं |

फॉग  :- रसायन शास्त्र के रिसर्च स्कॉलर डॉ राजेंद्र कुमार के अनुसार फॉग (कोहरा) तब बनता है , जब वातावरण में मौजूद वाष्प हवा में मिल जाती है | साथ ही पानी की बूंदे हवा में तैरती रहती हैं | यह एक सफ़ेद चादर की तरह पूरी हवा को ढक लेती है | रासायनिक भाषा में इसे सेमी सॉलिड वाटर मॉलिक्यूल भी कह सकते हैं यानी यह पानी के अणु होते हैं जो न पूरी तरह बर्फ होते हैं और न ही तरल |

स्मॉग:- डॉ राजेंद्र कुमार के अनुसार स्मॉग में जहरीली गैस की मौजीदगी  होती है | इसमें खतरनाक गैसें सल्फर डाई ऑक्साइड ,कार्बन डाई ऑक्साइड होती है | यह फॉग  से रिएक्शन करके केमिकल कंपाउंड स्मॉग  बनाती हैं जिससे स्मॉग बनता है यानि गैसों के मॉलिक्यूल हवा में नमीं के चलते उपर नहीं जा पाते हैं |वहीँ नमीं के कारण मॉलिक्यूल वायुमंडल के निचली सतह पर एकत्र हो जाते हैं |इसे रेस्परेटरी जोन कहते हैं | ऐसे सांस लेना दुस्वार हो जाता है |